क्या लिखू??

सोचा आज कुछ अलग लिखू ,
इश्क़, ग़म , जुदाई, धोखा , और
मायूसी से अलग हटके कोई मंजर लिखू ,,

फिर ख़्याल आया आये दिन की घटनाओं का
सोचा क्यों न मैं उनका ही अपने शब्दों में
एक वर्णन लिखू !!

वो माँ की ममता के बदले मिले दुत्कार का सार लिखू
या बाप के कंधों पर बुढ़ापे में आया सारे घर का भार लिखू !!

आये दिन चौराहे पर बिकता बहन बेटी का घर संसार लिखू ,
या दहेज के लालचियों पर एक कड़ा प्रहार लिखू !!

नशे की लत में बिकता औरत के अस्तित्व का संसार लिखू
या घरों में अभद्रता औऱ गलियों से सुसज्जित एक अलग परिवार लिखू ,

कुचल देते है जो औरत के अरमान को ,
क्या उनकी कोई मिसाल लिखू !!

बेटो की चाह में जन्मी उस मासूम बच्ची की मौत की दास्तान लिखू
या हवस की तलब में कोख़ में पड़ी जान का किस्सा में सरे आम लिखू !!

इंसान रूपी भेड़ियों की हरकतों का वर्णन मैं आज लिखू
या फिर किसी कलंकित होने के डर में सहमी जान का दर्द मैं यहाँ लिखू !!

क्या लिखू मैं इससे अलग और कौनसा नया जहां लिखू !


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