जिंदगी के नाजुक पल
कितना भी संभाल लो, लोग,रिश्ते,वक्त कुछ बस में नहीं है, सारे प्रयास किए की उसके अपने उससे दूर न हो कभी, कभी नियति को मंजूर नहीं, कभी किसी का साथ अंतिम सांस तक होता है, लेकिन यकीन मानना, जो रिश्ते अंतिम सांस तक तुमने बचाए है, वो दूर होके भी होंगे तुम्हारे करीब, उनका अहसास, उनकी सीख, उनकी बाते, और उनके संस्कार सब तुममें शेष बचे रहेंगे, जब तक तुम उनको जिंदा रखोगे अपने जेहन में, और जिस इंसान ने अपने अपनों को संभाला है, जिसने उनको भी संभाला जो उसके अपने थे भी नहीं लेकिन उसको सफर में मिले थे , यकीन मानना बहुत बड़ा दिल चाहिए, ऐसा इंसान बनने के लिए जो अपने अंदर जिंदा रखे रिश्तों को, बहुत टूटा होगा आज जब परिवार की नींव को दूर जाते हुए देखा, लेकिन सीखा उसने जुड़े रहना उनसे, और सीखी होगी वो सीख जिसने जाने के बाद भी जिंदा रखा होगा खुद को उनके अपनों के दिल में, वरना आजकल कहा चलते है रिश्ते अंत तक, वो तो ढहना जानते है बीच में ही।।। लेकिन ईश्वर उसे देना ताकत की वो सम्भल जाए वक्त के साथ और सबको भी संभाले उनकी तरह जो आज चले गए दूर सबसे क्योंकि अंतिम सांस और अंतिम क्षण कभी कह कर नहीं आते.. ...