शिकायत क्यूँ है
किस्मत से अपनी,
तुमको शिकायत क्यूँ है
जो मिल ही नही सका,
उसी से बेइंतहा मोहब्बत क्यूँ है
न जाने क्या फलसफा है जिंदगी का,
राहों में तेरी इतनी मुसीबत क्यूँ है
जरूरी नही की,
मोहब्बत के बदले मोहब्बत मिले
खुश रहे प्यार तुम्हारा जहाँ भी हो,
महफूज़ रहे दुनियां में,
प्रेम हो तो बस ऐसा हो मेरे यारों..
हासिल हो तुम्हें जो तुम चाहो
तुम्हें ऐसी ये फितूर की चाहत ही क्यूँ है..
और फिर
किस्मत से तुमको शिकायत क्यूँ है...
Writer
Asmita singh
#shikayat #asmitaquotes #jindgi #mohbbat
True lines
ReplyDeleteThank you
ReplyDelete